एक दुखद घटना हमारे सामने आई, जिसमें ओडिशा राज्य में एक माँ ने अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को एक 21 वर्षीय लड़के को 20 हज़ार रुपये में शादी के लिए बेच दिया| इसका खुलासा तब हुआ, जब चाइल्ड हेल्पलाइन ने बाल कल्याण समिति को इस बाल विवाह के बारे में बताया|
‘रुचिका सामाजिक सेवा संगठन’ ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल विवाह निषेध अधिकारी और पुलिस के साथ घटनस्थल पर पहुँचकर शादी रुकवा दी| पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और दोनों पक्षों के माता-पिता को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया| दोनों पक्षों ने इस बात का विश्वास दिलाया कि विवाह की उचित उम्र तक वे अपने बच्चों की शादी नहीं करेंगे|
2 दिन बाद नियमित फॉलो-अप से टीम को पता चला कि लड़की दूल्हे के घर पर है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एनजीओ की मदद से बच्ची को बचाया गया, विवाह को रद्द कराया गया और बाल कल्याण समिति के निर्देश के अनुसार बच्ची को घर भेज दिया गया। लड़की से लगातार फॉलो-अप किया गया| उसकी काउंसलिंग की गई और फिर से उसका स्कूल में दाखिला कराया गया|
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